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सत्यमेव जयते

“सत्यमेव जयते” भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक *महात्मा ज्योतिबा फुले* के अंश। लेखक कन्हैयालाल चंचरिक +पुणे नगर पालिका की सदस्यता+ 309. जगह-जगह पर उनका स्वागत हुआ।
उन दिनों नगर पालिका का सदस्य म्युनिसिपल कमिश्नर कहलाता था। वह 1882 तक इसके प्रभावशाली सदस्य रहे। प्रारंभ में सभी सदस्य सरकार द्वारा नामजद होते थे। लॉर्ड रिपन ने नगर पालिकाओं के विकास में बड़ी रुचि दिखाई।
1882 में स्थानीय स्वशासन कानून के अंतर्गत चुने हुए प्रतिनिधियों की व्यवस्था का चलन हुआ। वैसे 1850 में नगर पालिका कानून के अंतर्गत पुणे नगर पालिका गठित की गई थी। पर इसमें विधिवत कार्य 1858 से ही प्रारंभ किया।
जब शासन की बागडोर कंपनी के हाथ से ब्रिटिश तक के अंतर्गत आ गई। निरंतर।#नशा,छोड़ें। दीनबंधू न्यूज संपादक सत्यशोधक शंकरावलिंगे 73 87 37 78 01

