फातिमा जी शेख ने इतिहास रचा है,
उसका वजूद मिटाया नही जा सकcता!
– प्रोफे. श्रावण देवरे
क्रांतिज्योती सावित्रीमाई फुले इनकी सह-अध्यापिका फातिमा जी शेख का कोई अस्तित्व नही था, वो एक काल्पनिक पात्र है, ऐसा कहनेवाले बिकाऊ लोगोंको मुंहतोड जबाब दिया है प्रोफे. श्रावण देवरे ने! सुनिए और देखीए इस बहुजन 85 चॅनल की इंटरव्ह्यु मे…25 मिनिट 21 सेकंद की यह लिंक यहा दी है-
1) जिस देशमे शासन और शोषण का मुख्य आधार सांस्कृतिक संघर्ष (Cultural Struggle) होता है, उस देशमे ऐसी घिनौनी हरकते करनेवालोंकी पुरानी परंपरा है!
2) बलीराजा से लेकर बुद्ध, संत, शिवाजी, फुले, शाहू, आंबेडकर और सावित्रीमाई, फातिमा जी तक यह ब्राह्मणवादी परंपरा कायम है!
3) फातिमा जी और सावित्रीमाई ने जिस टिचर्स ट्रेनिंग स्कूल मे पढाई की है, वो अमेरिकन स्कूल अहमदनगर शहर मे आज भी मौजूद है और वहा के लोग आज भी फातिमा जी का जनमदिन मनाते है.
4) जनमदिनपर इस स्कूल की तरफसे हर साल डेली न्युज पेपर मे विज्ञापन दिया जाता है और दोनो महान स्त्रिया हमारी स्कूल मे पढी और इतिहास बनाया, इस तरह का गर्व बताया जाता है!
5) महाराष्ट्रा के कई बडे-बडे विद्वानोंने फातिमाजी पर आर्टिकल ओर किताबे लिखी है.
6) 10 अक्तुबर1856 को सावित्रीमाईने तात्यासाहब महात्मा जोतीराव जी को एक खत लिखा है. इस खतमे फातिमा जी का नाम लेकर उसके कामपर गर्व जताया गया है.
7) इतिहास और संस्कृती को तोड-मरोडकर उसे अपने हित मे बताने और लिखने का काम आज तक ब्राह्मण करते थे, लेकीन अब बहुजनोंके तथाकथित (Self-Declared) विद्वानों को खरीदकर यह काम करवा लिया जा रहा है
8) आज हिन्दू, मुस्लीम और ख्रिस्ती एकता बनाने का काम बढ रहा है, इस एकता को तोडने के लिए फातिमाजी की बदनामी करने की कोशिश हो रही है!
फातिमा जी शेख ने इतिहास रचा है,*
उसका वजूद मिटाया नही जा सकcता!
– विवेक राणा,