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सत्यमेव जयते

“सत्यमेव जयते” भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक *महात्मा ज्योतिबा फुले* के अंश। लेखक कन्हैयालाल चंचरिक +पुणे नगर पालिका की सदस्यता+ 320. ज्योतिबा ने इस प्रकार दो सामाजिक बुराइयों को शासन के सम्मुख प्रस्तुत किया। प्रथम गरीब भारत वासियों में शराब की आदत डालने की सरकारी पहल।
दूसरे नकली और कच्ची शराब के अवैध धंधे को रोकने में सरकार और पुलिस की अक्षमता। ज्योतिबा नहीं चाहते थे कि पुणे जैसे शहर में जहां दलित और पिछड़ी जातियां बहुतायत में रहती थी,
वहां शराब का अत्यधिक चरन हो। वह पूरी तरह अपने उद्देश्यों में सफल तो नहीं हो पाए,हां सरकार ने इतना अवश्य मान लिया कि दुकान खोलने में सावधानी आवश्यक बरती जाएगी। निरंतर। #नशा,छोड़ें।


