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“सत्यमेव जयते”

“सत्यमेव जयते”भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक *महात्मा ज्योतिबा फुले* के अंश।लेखक कन्हैयालाल चंचरिक +दलितों के मुक्तिदाता+ 280.ज्योतिबा जानते थे कि मार्क्स के विचारों से भारत में क्रांति नहीं आ सकती थी। पहले जनता राजाओं, जमीदारों और पुरोहितों के त्रिमुखी शोषण का शिकार थी।

बाद में अंग्रेजों ने पूरे भारत पर अपनी सत्ता स्थापित की। अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपने साम्राज्य विस्तार को स्थायित्व प्रदान करने के लिए यहां की सामाजिक व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था और रूढ़िवादिता को बिल्कुल अनदेखा कर दिया।

समाज सुधारकों की विचारधारा और प्रयासों ने ही उन्हें विवस किया कि वह लोकहित के लिए सार्वजनिक कानून बनाए। जनकल्याण की भावना से प्रेरित काम करें और देश की सामाजिक आर्थिक प्रगति के द्वार खोले। निरंतर। #नशा,छोड़ें।

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